motivationalstory for all,"जल्दबाज़ी" hindi moral story for school students with good learning
एक बार राजू अपनी मौसी के घर पालनपुर गया। जनवरी का महीना था ।इसलिए मौसी ने चावल के पापड़ बनाये हुए थे।मौसी ने राजू को चाय के साथ चावल के पापड़ सेक कर खाने को दे दिए। चावल के पापड़ खाने में थोड़े कड़क होते हैं।लेकिन राजू फटा फट चावल के पापड़ खाने लगा।मौसी ने राजू को टोकते हुआ ज़रा आराम से खाने की सलाह दी।
लेकिन राजू कहा सुनने वाला था ।वह तो बस फटाफट खाये जा रहा था। अचानक एक पापड़ का टुकड़ा राजू के गले में फस गया।राजू को अब घबराहट होने लगी। मौसी समझदार थी।वह पड़ोसी की मदद से राजू को समय रहते अस्पताल ले गई।डॉक्टर ने राजू का ऑपरेशन कर पापड़ का टुकड़ा निकाल दिया।अब राजू समझ गया था के हर बात में जल्दी ठीक नहीं हैं।
शिक्षा:हमेशा जल्दीबाजी ठीक नहीं होती।
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