inspirational story in hindi for all," रबड़ी की सुगंध"
एक गांव में एक हलवाई रहता था।वह बहुत स्वादिष्ठ मिठाई बनाता था।एक दिन उसने अपनी दुकान के बाहर रबड़ी के लिए दूध उबलने रखा था। दूध में से इलायची और केसर की बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी।
कुछ देर बाद वहाँ राजू नाम का एक गरीब लड़का आया।वह दुकान के बाहर पेड़ के नीचे बैठ गया। आज उसके पास खाने के लिए सिर्फ एक रोटी थी । रोटी के साथ खाने के लिए भी कुछ नहीं था।राजू ने रबड़ी की सुगंध लेते लेते अपनी रोटी खा ली।यह सब हलवाई ने देखा। उसने राजू के पास जाकर रबड़ी के पैसे मांगे।राजू ने कहा,"जब रबड़ी खाई नहीं तो मैं तुम्हें किस बात के पैसे दूँ"।हलवाई ने जवाब में कहा,"मैंने अच्छी तरह से देखा हैंं तुमने अपनी रोटी मेरी रबड़ी की खुशबू लेते लेते खाई हैं इसलिये पैसे तो तुम्हें देने होंगे।
राजू ने कहा ,"मेरे पास पैसे नहीं है मैं अपने दोस्त से लेकर देता हूँ"। हलवाई ने उसे जल्दी पैसे लेकर वापस आने के लिए कहकर जाने दिया।राजू ने अपने दोस्त श्याम को अपनी समस्या बताई।श्याम एक समझदार लड़का था ।वह अपनी सूझबूझ से कोई भी समस्या आसानी से हल कर देता था।राजू की समस्या सुनकर श्याम ने कहा ,"चलो मेरे साथ तुम्हारे पैसे में हलवाई को दे देता हूँ"।जब दोनों हलवाई के पास पहुंचे तो राजू को देखकर उसने अपने पैसे मांगे।राजू ने कहा,"मेरे पैसे मेरा मित्र श्याम आपको देगा"।
हलवाई ने श्याम की ओर पैसे लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाया।श्याम ने अपनी एक जेब से कुछ सिक्के निकले, दोनों हाथोंं की मदद से सिक्के जोर जोर से खनकाए और अपनी दूसरी जेब में रख दिये।फिर श्याम अपने मित्र राजू को लेकर दुकान से बाहर निकलने लगा।हलवाई ने उन्हें रोकते हुए कहा,"बिना पैसे दिये मैं तुम दोनों को नहीं जाने दूँगा"।श्याम ने मुस्कुराते हुए कहा ," रबड़ी की सुगंध के बदले मैंने आपको पैसे की खनक सुना दी।अब हिसाब बराबर हो गया हैं तो हम चलते हैं"। श्याम की बात सुनकर हलवाई का चेहरा शर्म से लाल हो गया।
शिक्षा: समझदारी में हर मुश्किल का हल छुपा होता हैं।
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