"समझदार राजू" moral story for school kids in hindi
राजू नाम का एक लड़का था।वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी बहुत होशियार था। विध्यालय में भी सभी शिक्षक उसे बहुत पसंद करते थे। उसके पिताजी रेलवे में अफसर थे।एक दिन उसके पिताजी का तबादला दूसरे शहर में हो गया। राजू को बीच में ही स्कूल छोड़कर जाना पड़ा।
नये स्कूल में राजू का कोई भी दोस्त नहीं था।वर्ष के बीच में आने के कारण राजू को सारी नोटबुक्स भी फिर से बनानां था।लेकिन राजू का कोई दोस्त ना होने के कारण उसे अपनी किताबें देने कोई राजी नहीं हो रहा था।अब कुछ ही दिनों में परीक्षा भी आने वाली थी।
अंत में राजू ने अपनी परेशानी अपने वर्ग के शिक्षक को बताई।जब शिक्षक को इस बारे में पता चला तो उन्होंने बाकि सभी विध्यार्थी और शिक्षकों को राजू की मदद करने को कहा।शिक्षक की बात सुनकर सभी राजू को मदद करने तैयार हो गए।सबकी मदद से राजू का पुराना काम भी हो गया और वह परीक्षा में भी अच्छे अंको से पास हो गया।कुछ समय बाद कक्षा के सारे लड़के भी उसके मित्र बन गए।
शिक्षा:परेशानी बाटने से कम होती हैं।
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