moral story with nitti ," कंजूस धनीराम" for school children
उसके पड़ोस में एक रामू नाम का गरीब धोबी रहता था। रामू का बेटा पढ़ाई में बहुत होशियार था।रामू उसे पढ़ाई के लिए शहर भेजना चाहता था। रामू ने धनीराम से पैसे कि मदद मांगी तो उसने पैसे देने से साफ इनकार कर दिया।
एक दिन एक चोर ने धनीराम को पैसे गिनते देख लिया।अब चोर मौके की तलाश में था।कुछ दिन बाद धनीराम के बेटे की तबियत खराब हो गई।गाँव के वैद्य ने उसे शहर जाने की सलाह दी। धनीराम जैसे ही शहर गया ही रात को चोर ने सोने के सिक्के निकाल कर उनकी जगह पत्थर रख दिए ।
जब धनीराम शहर से लौटा तो सिक्कों की जगह पत्थर देखकर वह बहुत रोया।अब धनी को एहसास हो गया था की जो धन दुःख में काम न आवे वह बेकार ही हैं।अब धनी सभी गरीबों और जरूरतमंदो की मदद करने लगा।
शिक्षा :हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए।
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