moral story in hindi for kids"गधे का भार" भाग 1
घोड़े ने बोझ उठानें से साफ इनकार कर दिया। दोपहर होने वाली थी। गधा तेज गर्मी और भारी बोझ सहन न कर सका और वह ज़मीन पर बेहोश होकर गिर गया। व्यापारी ने गधे की यह हालत देखकर गधे की पीठ से सारा बोझ उठाकर घोड़े की पीठ पर रख दिया।जब पूरा बोझ घोड़े की पीठ पर आ गया तब घोड़े को महसूस हुआ गधे को कितनी परेशानी हो रही थी।पर अब पछताने से क्या होता, घोड़े को सारा बोझ अकेले ही लादकर शहर जाना पड़ा।
शिक्षा: दूसरों की परेशानी कम करने से भविष्य में हमें ही लाभ होता हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें