hindimoralstory for kids," चतुर खरगोश"


 एक बार एक जंगल में एक बहुत ही घमंडी शेर रहता था।वह जंगल के सभी जानवरो को परेशान करता रहता था।सभी जानवर आपस में मिलकर इस परेशानी का हल  निकालकर शेर के पास पँहुच गए।
     सभी ने कहा ,"महाराज अगर आपको कोई परेशानी ना हो तो आप को शिकार पर निकलने की कोई जरुरत नहीं है, हम रोज़ आपस में सलाह कर एक जानवर आपके खाने के लिए भेज देंगे"।
   यह सुनकर शेर बहुत खुश हो गया और उसने सभी जानवरों की विनंती मान ली।अब हर रोज जंगल का एक जानवर शेर का भोजन बनकर जाने लगा।
    एक दिन खरगोश की बारी आई।खरगोश थोड़ा कमज़ोर जरूर था, लेकिन वह चातुर बहुत था।उसने रास्ते में एक कुआ देखा।जब उस कुए में खरगोश झॉककर देखा तो उसे उसमें एक दम साफ पानी दिखा।यह देखकर खरगोश को एक उपाय सुझा।
      शेर के पास पँहुच कर खरगोश ने कहा "देरी से आने के लिया माफी चाहता हूँ। जंगल के जानवरो ने तो मेरे साथ चार और खरगोश आपके भोजन के लिए भेजे थे।लेकिन उस नकली राजा ने उन चारों को खा लिया और मुझे आपके पास भेज दिया।उसने तो यह भी कहा के जंगल का असली राजा वह हैं आप तो नकली राजा हो"।
    यह सुनकर शेर बहुत गुस्सा हो गया।उसने खरगोश से कहा "कहा हैं वह नकली राजा चलो मुझे दिखाओ। आज उसको मैं
मार डालूंगा"।खरगोश शेर को उस  कुए के पास ले आया।खरगोश ने शेर से कहा," अंदर झॉककर देखिये आपको नकली राजा दिख जाएगा"।शेर ने जैसे ही कुए के अंदर झॉका और कुए मे अपनी परछाई को देखकर उसमें  कूद पड़ा और मर गया।उसके बाद जंगल के सभी जानवरो ने चैन की साँस ली और खरगोश का आभार माना।

शिक्षा:हमें गुस्से में कोई काम नहीं करना चाहिए।

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